30 अप्रैल, 2025 को प्रकाशित एक नए अध्ययन में ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) में प्रतिरक्षा कोशिका शिथिलता और सिनैप्टिक असामान्यताओं के बीच संबंध का पता चला है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि एएसडी वाले व्यक्तियों में मैक्रोफेज, एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका, सिनैप्टिक सामग्री को साफ़ करने की क्षमता कम होती है।
जापान के फुजिता हेल्थ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. मिचिरो टोरित्सुका के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से संकेत मिलता है कि यह हानि CD209 जीन की कम अभिव्यक्ति से जुड़ी है, जो सिनैप्टिक प्रोटीन को पहचानने और अंतर्ग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि मस्तिष्क के बाहर प्रतिरक्षा शिथिलता एएसडी में देखी गई सिनैप्टिक छंटाई दोषों में योगदान कर सकती है।
ये निष्कर्ष ऑटिज़्म से पीड़ित व्यक्तियों में सिनैप्टिक फ़ंक्शन को बेहतर बनाने के लिए परिधीय प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लक्षित करने वाले नए बायोमार्कर और उपचारों के विकास को जन्म दे सकते हैं। अनुसंधान एएसडी को समझने और संभावित रूप से इलाज करने में न्यूरोइम्यून इंटरैक्शन के महत्व को रेखांकित करता है, जो एएसडी के मूल लक्षणों को लक्षित करने वाली भविष्य की दवा खोज के लिए एक नया मार्ग प्रदान करता है।