स्पेन की एल मिराडोर गुफा में पुराविदों को लगभग 5700 साल पहले नवपाषाण काल के दौरान नरभक्षण के पुख्ता सबूत मिले हैं। यह खोज कम से कम 11 व्यक्तियों के अवशेषों से सामने आई है, जिनमें बच्चे और वयस्क दोनों शामिल थे। इन अवशेषों पर मांस निकालने, हड्डियां तोड़ने और उपभोग करने के स्पष्ट निशान पाए गए हैं, जो उस काल के मानव व्यवहार की एक भयावह तस्वीर पेश करते हैं। यह घटना लगभग 5709 से 5573 साल पहले की बताई जा रही है।
एल मिराडोर गुफा में मिले 600 से अधिक हड्डी के टुकड़ों का गहन विश्लेषण किया गया। इन टुकड़ों पर मांस निकालने के लिए औजारों से किए गए स्पष्ट कट के निशान, हड्डियों को तोड़ने के चिन्ह और मज्जा निकालने के प्रयास साफ दिखाई दे रहे थे। कुछ हड्डियों पर तो इंसानी दांतों के निशान भी पाए गए, जो सीधे तौर पर नरभक्षण की ओर इशारा करते हैं। इन अवशेषों पर जलने के निशान और विखंडन के भी प्रमाण मिले। रेडियोकार्बन डेटिंग ने इस भयावह घटना को लगभग 5709 से 5573 साल पहले, यानी नवपाषाण काल के अंतिम चरण में स्थापित किया है। स्ट्रोंटियम आइसोटोप विश्लेषण से यह भी पुष्टि हुई कि मारे गए व्यक्ति इसी इबेरियन प्रायद्वीप के स्थानीय निवासी थे, न कि किसी बाहरी समूह के।
शोधकर्ताओं, जिनमें पामिरा सलाडिए और फ्रांसिस्क मार्गिनेडास जैसे विशेषज्ञ शामिल हैं, का मानना है कि यह नरभक्षण किसी अनुष्ठानिक या जीवित रहने की मजबूरी का परिणाम नहीं था। इसके बजाय, यह एक प्रतिद्वंद्वी समूह के "अंतिम उन्मूलन" का एक क्रूर तरीका हो सकता है। इसे "युद्धकालीन नरभक्षण" के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ एक समूह दूसरे पर अपनी श्रेष्ठता और प्रभुत्व स्थापित करने के लिए ऐसा करता था। घटनाओं की गति और व्यवस्थित तरीके से की गई प्रक्रियाएं, जैसे कि हड्डियों को तोड़ना और मांस निकालना, हिंसक टकराव और संभवतः एक ही परिवार या समूह के पूर्ण विनाश की ओर संकेत करती हैं।
एल मिराडोर गुफा की यह खोज यूरोप में नवपाषाण काल के दौरान अंतर-समूह हिंसा और नरभक्षण के बढ़ते प्रमाणों में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसी तरह के मामले जर्मनी के हेर्क्सहाइम और फ्रांस के फोंटब्रेगुआ जैसी जगहों पर भी मिले हैं, जहाँ सामूहिक हत्याओं और नरभक्षण के साक्ष्य मिले हैं। हालांकि, एल मिराडोर के साक्ष्य अधिक व्यवस्थित उपभोग और एक विशिष्ट घटना को दर्शाते हैं। यह घटना उस समय के इबेरियन प्रायद्वीप में सामाजिक तनाव और अंतर-समूह हिंसा की व्यापकता को भी उजागर करती है, जो संभवतः कृषि समाजों के विकास, क्षेत्रीय विवादों और संसाधनों पर प्रतिस्पर्धा के कारण उत्पन्न हुई थी। नवपाषाण काल में यूरोप में हिंसा का यह स्तर उस समय की सामाजिक संरचनाओं और संघर्षों की जटिलता को दर्शाता है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि एल मिराडोर गुफा में कांस्य युग के दौरान भी नरभक्षण के प्रमाण मिले हैं, जो दर्शाता है कि इस तरह की प्रथाएं सदियों तक जारी रहीं। यह पुरातात्विक खोज हमें लगभग 5700 साल पहले के मानव समाजों की जटिलताओं और उनके व्यवहार की गहरी समझ प्रदान करती है। यह हमें सिखाती है कि कैसे विभिन्न समुदाय अपने अस्तित्व, क्षेत्र और संसाधनों के लिए संघर्ष करते थे, और कैसे ऐसे संघर्षों के भयावह परिणाम हो सकते थे।