हाल ही में, राजस्थान के डीग जिले के बहाज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 4,500 वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेषों की खोज की है। यह खुदाई जनवरी 2024 में शुरू हुई थी और अब तक 800 से अधिक कलाकृतियाँ प्राप्त हुई हैं, जिनमें मिट्टी के बर्तन, प्राचीन ब्राह्मी लिपि के मुहर, ताम्र सिक्के, यज्ञ कुंड, मौर्य काल की मूर्तियाँ, शिव और पार्वती की मूर्तियाँ, और हड्डी से बने औजार शामिल हैं।
खुदाई में एक 23 मीटर गहरा प्राचीन नदी चैनल भी मिला है, जिसे शोधकर्ता वैदिक ग्रंथों में वर्णित सरस्वती नदी से जोड़ रहे हैं। यह नदी प्रणाली प्राचीन मानव बस्तियों के लिए जल स्रोत के रूप में कार्य करती थी और बहाज को सरस्वती घाटी की संस्कृति से जोड़ती थी।
खुदाई में पांच विभिन्न कालखंडों के साक्ष्य मिले हैं: हड़प्पा उपरांत काल, महाभारत काल, मौर्य काल, कुषाण काल, और गुप्त काल। इन खोजों से यह संकेत मिलता है कि ब्रज क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक धरोहर का केंद्र रहा है।
खुदाई में एक मानव कंकाल भी मिला है, जिसे इज़राइल भेजा गया है ताकि उसकी आयु और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का पता लगाया जा सके। यह खोज राजस्थान और समग्र उत्तर भारत के प्राचीन इतिहास को समझने में नई दिशा प्रदान करती है।
इन महत्वपूर्ण खोजों के बाद, ASI ने संस्कृति मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है, और इस क्षेत्र को राष्ट्रीय पुरातात्त्विक संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की संभावना है।