वैज्ञानिकों ने एक माइक्रोआरएनए की पहचान की है जो नर पक्षियों के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है, जो एवियन आनुवंशिकी और लिंग गुणसूत्र विकास में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह खोज हमें यह समझने में मदद करती है कि पक्षी आनुवंशिक असंतुलन को कैसे दूर करते हैं, जिससे संभावित रूप से संरक्षण और कृषि को लाभ हो सकता है।
पक्षियों में एक ZW लिंग निर्धारण प्रणाली होती है, जहां नर ZW होते हैं और मादा ZZ होती हैं। आनुवंशिक संरचना में यह अंतर असंतुलन पैदा कर सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि पक्षी अपने Z गुणसूत्रों की गतिविधि को संतुलित करने के लिए एक विशेष माइक्रोआरएनए का उपयोग करते हैं। माइक्रोआरएनए छोटे अणु होते हैं जो जीन अभिव्यक्ति को विनियमित करते हैं, अनिवार्य रूप से यह नियंत्रित करते हैं कि कौन से जीन सक्रिय हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि नर चिकन भ्रूण से इस विशिष्ट माइक्रोआरएनए को हटाने से उनकी मृत्यु हो गई, जबकि मादा भ्रूण सामान्य रूप से विकसित हुए। यह इंगित करता है कि माइक्रोआरएनए नर के अस्तित्व के लिए आवश्यक है, जो लिंगों के बीच आनुवंशिक अंतर को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शोध बताता है कि पक्षी आनुवंशिक चुनौतियों का प्रबंधन करने के लिए कैसे विकसित हुए हैं।
निष्कर्ष भविष्य के अनुसंधान के लिए रास्ते खोलते हैं, जिसमें अन्य पक्षी प्रजातियों में समान तंत्रों की खोज शामिल है। इस ज्ञान को संरक्षण प्रयासों और कृषि पद्धतियों पर लागू किया जा सकता है, जिससे संभावित रूप से पक्षियों के स्वास्थ्य और अस्तित्व में सुधार हो सकता है।