खगोलविदों ने पृथ्वी से लगभग 730-750 मिलियन प्रकाश-वर्ष दूर स्थित एक असामान्य सुपरनोवा SN 2023zkd का अवलोकन किया है, जिसके दोहरे विस्फोट की घटना को एक विशाल तारे और उसके ब्लैक होल साथी के बीच टकराव का परिणाम माना जा रहा है। इस घटना को पहली बार जुलाई 2023 में ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी (Zwicky Transient Facility) द्वारा दर्ज किया गया था। प्रारंभ में इसे एक सामान्य सुपरनोवा समझा गया था, लेकिन बाद के विश्लेषणों से पता चला कि SN 2023zkd की चमक धीरे-धीरे मंद होने के बाद, लगभग अपने प्रारंभिक विस्फोट स्तर तक फिर से तेजी से बढ़ी। यह व्यवहार सुपरनोवा की पारंपरिक समझ को चुनौती देता है।
इंस्टीट्यूट फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फंडामेंटल इंटरेक्शंस के अलेक्जेंडर गैगलिन के नेतृत्व में खगोलविदों का अनुमान है कि इस घटना का कारण विशाल तारे का अपने साथी ब्लैक होल से टकराना हो सकता है। अभिलेखागार डेटा से पता चला है कि घटना से चार साल पहले, यह वस्तु लगातार तेज हो रही थी और अजीब प्रकाश भिन्नताएं प्रदर्शित कर रही थी, जो सुपरनोवा की तैयारी कर रहे तारों के लिए असामान्य है। शोधकर्ताओं का मानना है कि तारा और ब्लैक होल एक-दूसरे की बहुत करीब परिक्रमा कर रहे थे, जिससे तारे पर अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण तनाव पड़ा। जैसे-जैसे तारा घूमता गया, उसने महत्वपूर्ण मात्रा में द्रव्यमान खो दिया। जब वस्तुएं करीब आईं, तो ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण ने तारे को इतनी तीव्रता से विकृत कर दिया कि इससे विस्फोट हुआ। चमक का पहला उछाल तब हुआ जब सुपरनोवा से निकली शॉकवेव आसपास की गैस से टकराई। दूसरे उछाल का कारण पिछले कुछ वर्षों में तारे द्वारा उत्सर्जित पदार्थ के एक घने बादल के साथ धीमी गति से टकराव था। यह शोध दोहरे सुपरनोवा विस्फोटों जैसी असामान्य घटनाओं को जन्म देने वाले तंत्रों पर नए दृष्टिकोण प्रदान करता है और आगे के अवलोकन और सैद्धांतिक मॉडलिंग के महत्व को उजागर करता है। यह खोज खगोल विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बढ़ते महत्व को भी रेखांकित करती है, विशेष रूप से LAISS (Light curve Anomaly Identification and Similarity Search) जैसे AI एल्गोरिदम के माध्यम से, जो SN 2023zkd जैसी असामान्य घटनाओं को वास्तविक समय में पहचानने में मदद करते हैं।