30 जून, 2025 को, नेपल्स के पास कैंपी फ्लेग्रेई क्षेत्र में रिक्टर पैमाने पर 4.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे रेल यातायात में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ। इस भूकंप का केंद्र बैकोली में लगभग 4 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था और इसके झटके नेपल्स के कई जिलों में महसूस किए गए। अधिकारियों ने तुरंत कुमाना और सरकमफ्लेग्रेआ रेल लाइनों पर सेवाएं निलंबित कर दीं, जो पश्चिमी महानगरीय नेपल्स को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यात्रियों की आवाजाही पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए वैकल्पिक बस सेवाओं को तैनात किया गया था।
यह भूकंप नेपल्स के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक बड़े ज्वालामुखीय क्षेत्र, कैंपी फ्लेग्रेई के भीतर भूकंपीय गतिविधि में चल रही वृद्धि का हिस्सा है। यह क्षेत्र 2018 से जमीन के उठने और बढ़ी हुई भूकंपीय घटनाओं का अनुभव कर रहा है, जिससे वैज्ञानिक और सरकारी निकायों द्वारा निरंतर निगरानी की जा रही है। 2024 में, इस क्षेत्र में 4.0 से अधिक तीव्रता के 223 भूकंप दर्ज किए गए थे, जिसमें 1 तीव्रता का भूकंप 4.0 से ऊपर था। यह बढ़ी हुई गतिविधि क्षेत्र की भूवैज्ञानिक अस्थिरता को दर्शाती है।
ज्वालामुखी क्षेत्रों में भूकंपीय गतिविधि का परिवहन बुनियादी ढांचे पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। राख का जमाव सड़कों और रेलवे को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है, दृश्यता को कम कर सकता है और फिसलन भरी स्थितियां पैदा कर सकता है। हालांकि इस विशेष घटना में राख गिरने की सूचना नहीं है, लेकिन भूकंप के झटके स्वयं रेल लाइनों के लिए खतरा पैदा करते हैं, जिससे सेवाओं को निलंबित करना पड़ता है। इटली के राज्य के स्वामित्व वाले रेलवे ऑपरेटर Trenitalia ने हाई-स्पीड, इंटरसिटी और क्षेत्रीय सेवाओं के लिए 120 मिनट तक की देरी या रद्दीकरण की चेतावनी दी थी।
वैज्ञानिकों ने कैंपी फ्लेग्रेई के नीचे भूतापीय जलाशय में बढ़ते दबाव को इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधि का कारण बताया है, न कि मैग्मा या गैसों को। इटली की राष्ट्रीय भूभौतिकी और ज्वालामुखी विज्ञान संस्थान (INGV) लगातार इस क्षेत्र की निगरानी कर रही है, जिससे इसे दुनिया का सबसे अधिक निगरानी वाला ज्वालामुखी क्षेत्र माना जाता है। इस तरह की निगरानी से भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए तैयारी और प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।