जुलाई 2025 में जापान में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी देखी गई, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर गंभीर चिंता बढ़ी है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, जुलाई का औसत तापमान 1991-2020 के औसत से 2.89 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जो पिछले रिकॉर्ड से 2.16 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
30 जुलाई 2025 को पश्चिमी क्षेत्र ह्योगो में जापान का अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। इस अत्यधिक गर्मी के कारण कई प्रांतों में हीटस्ट्रोक अलर्ट जारी किए गए हैं और सरकार को श्रमिकों के लिए नए सुरक्षा नियमों को लागू करने के लिए प्रेरित किया गया है।
विशेषज्ञों ने इन अत्यधिक गर्मी की घटनाओं को मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया है, चेतावनी देते हुए कि वे अधिक बार हो रहे हैं। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी निवासियों से सूचित रहने और गर्मी से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए सावधानी बरतने का आग्रह करती है।
स्थिति जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने और प्रभावी अनुकूलन रणनीतियों को लागू करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करती है। क्योटो विश्वविद्यालय के एक जलवायु वैज्ञानिक प्रोफेसर हिरोकी नाकामुरा ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि जापान को भविष्य में और भी अधिक गंभीर गर्मी की लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि वैश्विक उत्सर्जन में कमी के बिना स्थिति और खराब होने की उम्मीद है।
प्रोफेसर नाकामुरा ने जोर देकर कहा कि व्यवसायों और व्यक्तियों दोनों को ऊर्जा संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। जापान सरकार ने 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 26% तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन कुछ आलोचकों का तर्क है कि इस लक्ष्य को जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए और अधिक महत्वाकांक्षी होने की आवश्यकता है।
इस स्थिति में विभिन्न पक्षों के दृष्टिकोणों पर विचार करना महत्वपूर्ण है। सरकार का लक्ष्य है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जाए। व्यवसायों को स्थायी प्रथाओं को अपनाने और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। आम नागरिकों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, ऊर्जा बचाना और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का समर्थन करना। इन संयुक्त प्रयासों से जापान जलवायु परिवर्तन से निपटने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।