भारत में मानसून के दौरान बाढ़ की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को दर्शाती हैं।
हाल के वर्षों में, भारत के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के कारण जान-माल की हानि हुई है। उदाहरण के लिए, 2024 में भारी वर्षा और बाढ़ के कारण भारत में लगभग 1,300 लोगों की मृत्यु हुई थी।
जलवायु विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण मानसून की वर्षा अधिक अस्थिर और तीव्र हो रही है, जिससे बाढ़, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ रहा है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए, विशेषज्ञों ने त्वरित चेतावनी प्रणालियों की स्थापना और बेहतर शहरी योजना की सिफारिश की है। साथ ही, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना भी आवश्यक है, क्योंकि अनुकूलन उपाय जलवायु परिवर्तन के निरंतर बढ़ने के साथ अपर्याप्त हो सकते हैं।
इन उपायों को लागू करके, भारत बाढ़ और अन्य जलवायु संबंधित आपदाओं के प्रभावों को कम करने में सक्षम हो सकता है।