जर्मनी के कई क्षेत्र गंभीर सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिससे जल निष्कर्षण पर प्रतिबंध लगाना पड़ा है। बामबर्ग और फोरचाइम जिले विशेष रूप से प्रभावित हैं, जिसके कारण अधिकारियों को सभी नदियों और जल निकायों से पानी निकालने पर रोक लगानी पड़ी है।
जर्मन मौसम सेवा ने 1 जुलाई, 2025 तक बामबर्ग क्षेत्र को जंगल की आग के खतरे की उच्चतम श्रेणी में वर्गीकृत किया है। स्थानीय अधिकारी निगरानी उड़ानों सहित स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। पारिस्थितिक संतुलन की रक्षा और पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए ये उपाय महत्वपूर्ण हैं।
हाल ही में दर्ज किए गए अत्यधिक तापमान, 26 जून, 2025 को बामबर्ग में 26.9 डिग्री सेल्सियस और फोरचाइम में 26.0 डिग्री सेल्सियस के उच्च तापमान ने सूखे को और बढ़ा दिया है। इससे जल स्तर गंभीर रूप से निम्न स्तर तक गिर गया है। अधिकारियों का कहना है कि जल निष्कर्षण से जल निकायों, उनके किनारों और उनमें रहने वाले जानवरों और पौधों को काफी नुकसान हो सकता है। यह स्थिति भारत में भी कई बार देखने को मिलती है, जहाँ मानसून की अनियमितता के कारण सूखे की समस्या उत्पन्न होती है। हमें जल संरक्षण के लिए मिलकर काम करना होगा।