प्रशांत महासागर के क्लैरियन-क्लिपरटन क्षेत्र में 'डार्क ऑक्सीजन' की खोज
वैज्ञानिकों ने क्लैरियन-क्लिपरटन क्षेत्र (CCZ) में प्रशांत महासागर की सतह से 4,000 मीटर नीचे 'डार्क ऑक्सीजन' के उत्पादन की पहचान की है। यह ऑक्सीजन बिना सूर्य के प्रकाश के उत्पन्न होती है।
हवाई और मेक्सिको के बीच के विशाल क्षेत्र में पॉलीमेटेलिक नोड्यूल पाए जाते हैं। ये खनिज-समृद्ध चट्टानें छोटे विद्युत प्रवाह उत्पन्न करती हैं, जिससे समुद्री जल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित हो जाता है।
इस खोज से पता चलता है कि प्रकाश संश्लेषक जीवों से पहले एरोबिक जीवन मौजूद था, जो प्रारंभिक जीवन की हमारी समझ को फिर से लिखता है। यह अन्य ग्रहों पर भी इसी तरह की प्रक्रियाओं का संकेत देता है, जिससे अलौकिक जीवन की खोज में मदद मिलती है।
CCZ में गहरे समुद्र में खनन की योजनाओं से चिंताएं बढ़ रही हैं। इन 'जियोबैटरी' को बाधित करने से गहरे समुद्र की जैव विविधता और पृथ्वी के रासायनिक चक्रों पर अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं। वैज्ञानिक गहरे समुद्र के वातावरण के लिए मजबूत सुरक्षा का आग्रह कर रहे हैं।
समुद्री विज्ञान के लिए निहितार्थ
यह खोज गहरे समुद्र के वातावरण की रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर देती है। संभावित व्यवधानों से पहले इन प्रक्रियाओं को समझना महत्वपूर्ण है।