श्रीलंका के उवा प्रांत में स्थित निलगाला वन क्षेत्र को 2 जून, 2025 को राष्ट्रीय वन आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। यह क्षेत्र 40,685 हेक्टेयर में फैला हुआ है और अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है।
निलगाला वन क्षेत्र में युवाओं के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं:
शिक्षा और जागरूकता: युवा स्वयंसेवक स्थानीय स्कूलों में कार्यशालाएँ आयोजित कर सकते हैं, सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से वन के महत्व पर जागरूकता बढ़ा सकते हैं, और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझा सकते हैं।
अनुसंधान और नवाचार: युवा वैज्ञानिक और शोधकर्ता निलगाला वन की जैव विविधता का अध्ययन कर सकते हैं, नई संरक्षण तकनीकों का विकास कर सकते हैं, और टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समाधान खोज सकते हैं।
उद्यमिता: युवा स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर टिकाऊ पर्यटन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, हस्तशिल्प और अन्य उत्पाद बना सकते हैं जो वन के संरक्षण का समर्थन करते हैं, जैविक खेती को बढ़ावा दे सकते हैं, और अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रमों को लागू कर सकते हैं।
नेतृत्व और वकालत: युवा संरक्षण प्रयासों में नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं, स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर वकालत कर सकते हैं, और अन्य युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के बारे में शिक्षित कर सकते हैं।
निलगाला वन की सुरक्षा श्रीलंका के युवाओं के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जिससे वे शिक्षा, रोजगार, उद्यमिता और नेतृत्व के अवसरों के माध्यम से अपने देश के विकास में योगदान कर सकते हैं।
निलगाला वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 2014 में पर्यावरणविदों और बौद्ध भिक्षुओं ने प्रतीकात्मक रूप से 1,000 पेड़ों को समन्वयित किया था, जिससे कानूनी सुरक्षा के लिए गति मिली।