मिजोरम के उत्तरी भाग में, खव्लेक गांव के पास थिंगकुआंग जंगल में स्थित थिंगकुआंग गुफा से मानव कंकाल के अवशेष मिले हैं। ये अवशेष लगभग 50 फीट की ऊंचाई पर एक खड़ी चट्टान पर स्थित गुफा के अंदर पाए गए। भारतीय पुरातत्व एवं संस्कृति विरासत ट्रस्ट (INTACH) मिजोरम चैप्टर के अनुसार, फ्लोरिडा की बीटा एनालिटिक प्रयोगशाला में किए गए कार्बन-14 परीक्षण से इन अवशेषों की आयु 1260 से 1320 ईस्वी के बीच, यानी 750 साल से अधिक पुरानी होने की पुष्टि हुई है।
INTACH मिजोरम के संयोजक, रिन सांगा ने बताया कि ये नमूने 13वीं सदी के अंत या 14वीं सदी की शुरुआत के हैं। इस खोज को मिजोरम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि यह राज्य में पाए गए सबसे पुराने कंकाल अवशेषों का रिकॉर्ड तोड़ता है। यह खोज मिजो लोगों के आगमन के सामान्य रूप से स्वीकृत समय से लगभग 400 साल पुरानी है और वांगचहिया में मिले सबसे पुराने अवशेषों से लगभग 200 साल पुरानी है, जो 1485 ईस्वी के थे।
इन कंकालों की पहचान और मूल का पता लगाने के लिए आगे डीएनए अनुक्रमण (DNA sequencing) जैसे परीक्षण किए जाने की योजना है। इससे मिजोरम के शुरुआती बसने वालों की वंशावली और प्रवासन पैटर्न के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। पुरातत्वविदों का मानना है कि यह खोज मिजो लोगों के इतिहास और उनकी उत्पत्ति को समझने में एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर सकती है।
इस क्षेत्र में पहले भी पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं मिली हैं, जैसे कि वांगचहिया में मिले प्राचीन शहर के अवशेष, जो एक उन्नत सभ्यता का संकेत देते हैं। यह नई खोज उस क्षेत्र के समृद्ध पुरातात्विक इतिहास में एक और अध्याय जोड़ती है।