ऑस्ट्रेलियाई स्किंक ने सांप के जहर के खिलाफ आणविक अनुकूलन विकसित किया है, जिससे उनके जहर के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह खोज नए बायोमेडिकल उपचारों के विकास में सहायक हो सकती है।
क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रायन फ्राई के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि स्किंक ने निकोटिनिक एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर पर उत्परिवर्तन विकसित किए हैं, जो सांप के जहर के न्यूरोटॉक्सिन द्वारा लक्षित होते हैं। इन उत्परिवर्तनों के कारण जहर के प्रभाव को रोका जा सकता है।
इस शोध से यह भी पता चलता है कि स्किंक में पाए जाने वाले विष प्रतिरोध तंत्र की समझ से बेहतर एंटीवेनम विकसित करने में मदद मिल सकती है, जो भारत में सांप के काटने से होने वाली मौतों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, यह शोध अन्य विषैले जानवरों, जैसे बिच्छू और मकड़ियों के खिलाफ प्रतिरोध विकसित करने के लिए नए दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है।