जून 2025 में, जर्मन सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र, साथ ही कृषि और वानिकी के लिए बिजली कर कम करने का फैसला किया। इस उपाय का उद्देश्य इन उद्योगों को वित्तीय राहत प्रदान करना है। हालांकि, निजी घरों और छोटे व्यवसायों को फिलहाल इस कर कटौती से लाभ नहीं होगा।
इस फैसले से आलोचना हुई है, जिसमें गठबंधन समझौते के उल्लंघन की चिंता जताई गई है। आलोचकों का कहना है कि शुरुआती योजना सभी उपभोक्ताओं के लिए बिजली कर कम करने की थी। उपभोक्ता अधिवक्ताओं और व्यापार संघों ने भी असंतोष व्यक्त किया, जर्मनी में पहले से ही उच्च बिजली की कीमतों का हवाला देते हुए।
सरकार का तर्क है कि उपभोक्ताओं को गैस भंडारण लेवी को समाप्त करने और नेटवर्क शुल्क में प्रस्तावित कमी के माध्यम से राहत मिलेगी। इन उपायों से बिजली की लागत में लगभग दो से तीन सेंट प्रति किलोवाट-घंटा की कमी आने की उम्मीद है, लेकिन ये केवल 2026 से प्रभावी होंगे।