अमेरिकी टैरिफ से टेक शेयरों पर मंडराया खतरा, वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ी
द्वारा संपादित: Olga Sukhina
25 अगस्त, 2025 को, अमेरिका ने उन देशों के खिलाफ टैरिफ और निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की जो अमेरिकी टेक कंपनियों को प्रभावित करने वाले डिजिटल टैक्स लगा रहे थे। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इन उपायों को अमेरिकी टेक दिग्गजों के प्रति भेदभावपूर्ण बताया। इस कदम से मुख्य रूप से यूरोपीय संघ, कनाडा, ब्राजील और दक्षिण कोरिया जैसे देश प्रभावित हुए। प्रशासन अमेरिकी प्रौद्योगिकियों और सेमीकंडक्टरों पर निर्यात नियंत्रण पर भी विचार कर रहा है।
यह घोषणा डिजिटल कराधान और टेक विनियमन पर वैश्विक बहसों को तेज करती है। निवेशक संभावित जवाबी कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधों तथा वैश्विक प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। यह नीतिगत बदलाव वैश्विक व्यापार परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के टैरिफ और निर्यात नियंत्रण से बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। यह न केवल बड़ी टेक कंपनियों को प्रभावित करेगा, बल्कि छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए भी अनिश्चितता पैदा कर सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की परस्पर संबद्धता को देखते हुए, इस तरह के निर्णय दूरगामी परिणाम ला सकते हैं, जो व्यापार संबंधों और तकनीकी प्रगति की गति को नया आकार दे सकते हैं।
यह स्थिति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और प्रौद्योगिकी नवाचार की दिशा को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे कंपनियों को अपनी रणनीतियों को अनुकूलित करने की आवश्यकता होगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभिन्न देश इस स्थिति पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं और क्या कोई आपसी समझौता हो पाता है।
स्रोतों
Investing.com
Reuters
AP News
Financial Times
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