अमेरिकी शेयर बाजार ने हाल के दिनों में कॉर्पोरेट आय और नए टैरिफ के कारण अस्थिरता का अनुभव किया है। प्रमुख तकनीकी कंपनियों, जैसे माइक्रोसॉफ्ट और मेटा प्लेटफॉर्म्स, ने मजबूत आय रिपोर्ट की है, जबकि चिप निर्माताओं में गिरावट देखी गई है।
माइक्रोसॉफ्ट का बाजार पूंजीकरण $4 ट्रिलियन तक पहुंच गया है, जो कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। दूसरी ओर, मेटा प्लेटफॉर्म्स के शेयरों में 11% की वृद्धि हुई है, जिससे नैस्डैक कंपोजिट रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंचा है। हालांकि, ब्रॉडकॉम और एनवीडिया जैसे चिप निर्माताओं के शेयरों में गिरावट आई है, जिससे पीएचएलएक्स सेमीकंडक्टर इंडेक्स में 3.1% की गिरावट आई है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने आयात पर 10% से 41% तक टैरिफ लगाया है, जिसमें भारत, ताइवान, दक्षिण कोरिया और कनाडा से आने वाले सामान शामिल हैं। इस कदम के बाद, एशियाई बाजारों और अमेरिकी स्टॉक वायदा में गिरावट देखी गई है।
मुद्रास्फीति में वृद्धि और आगामी आर्थिक आंकड़ों के बारे में निवेशकों में चिंता बनी हुई है। अर्थशास्त्री संभावित बाजार अस्थिरता के बारे में सावधानी बरत रहे हैं। 1 अगस्त, 2025 तक, टेक्नोलॉजी सेलेक्ट सेक्टर एसपीडीआर ईटीएफ (एक्सएलके) 0.82% नीचे है, जबकि हेल्थ केयर सेलेक्ट सेक्टर एसपीडीआर (एक्सएलवी) में 2.81% और फाइनेंशियल सेलेक्ट सेक्टर एसपीडीआर (एक्सएलएफ) में 0.65% की गिरावट आई है।
इन घटनाओं के बावजूद, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इन घटनाक्रमों की बारीकी से निगरानी कर रहा है और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप कर सकता है। हालांकि, इन चुनौतियों को विकास और समझ के अवसरों के रूप में देखा जा सकता है, जो सकारात्मक बदलाव और गहरी जागरूकता के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकते हैं।