अगस्त 2025 की शुरुआत से कच्चे तेल की कीमतों में 11% से अधिक की गिरावट आई है, जिससे यह बियर मार्केट की श्रेणी में आ गया है। यह गिरावट OPEC+ देशों द्वारा उत्पादन में वृद्धि और बदलती भू-राजनीतिक स्थितियों का परिणाम है।
OPEC+ के आठ प्रमुख सदस्य देशों ने अगस्त 2025 में अपने सामूहिक कच्चे तेल उत्पादन को प्रतिदिन 548,000 बैरल बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। यह कदम अप्रैल 2025 से शुरू हुई उत्पादन वृद्धि को और तेज करता है, जिससे OPEC+ द्वारा की गई 2.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की स्वैच्छिक कटौती का लगभग 1.918 मिलियन बैरल प्रतिदिन बहाल हो गया है।
भू-राजनीतिक कारक भी तेल की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। रूस, यूक्रेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संभावित शांति वार्ता की उम्मीदें, साथ ही रूसी तेल पर प्रतिबंधों में ढील की संभावना, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य निर्धारण को और प्रभावित कर सकती हैं।
अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (EIA) का अनुमान है कि चौथी तिमाही 2025 में ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें औसतन $60 प्रति बैरल से नीचे रहेंगी। यह 2020 के बाद पहली बार है जब कीमतें इस स्तर से नीचे आई हैं, जो वैश्विक तेल आपूर्ति में अधिशेष का संकेत देता है। EIA के अनुसार, 2025 में अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है, जो दिसंबर 2025 में लगभग 13.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन होगा, लेकिन कीमतों में गिरावट के कारण 2026 में इसमें कमी आने की संभावना है।
बाजार में अनिश्चितता के बावजूद, प्रमुख स्टॉक मार्केट इंडेक्स जैसे SPDR S&P 500 ETF Trust (SPY) और iShares MSCI ACWI ETF (ACWI) में मजबूती बनी हुई है। SPY $643.96 पर कारोबार कर रहा है, जिसमें 0.00103% की वृद्धि हुई है, जबकि ACWI $133.53 पर है, जिसमें 0.00090% की वृद्धि हुई है। यह निवेशकों की संतुलित भावना को दर्शाता है। हालांकि, तेल की कीमतों में गिरावट वैश्विक आर्थिक गतिविधियों पर भी प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि कम तेल की कीमतें कम खुदरा गैसोलिन और डीजल कीमतों का कारण बन सकती हैं, लेकिन यह तेल उत्पादकों के लिए राजस्व को भी प्रभावित कर सकती है।
वैश्विक तेल आपूर्ति में वृद्धि और मांग में नरमी के कारण, तेल की कीमतों में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है, जिससे बाजार में अधिशेष की स्थिति बनी रहेगी।