इज़राइल-ईरान तनाव के बीच भारतीय बाज़ार में गिरावट

द्वारा संपादित: Olga Sukhina

13 जून को, इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण भारतीय शेयर बाज़ार में भारी नुकसान हुआ। इस घटना का वैश्विक वित्तीय परिदृश्य पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा।

सेंसेक्स 1,300 से अधिक अंक गिर गया, जो 1.6% की गिरावट थी, जबकि निफ्टी 50 में 1.7% की गिरावट आई। ये गिरावटें अन्य एशियाई बाज़ारों, जैसे जापान के निक्केई और दक्षिण कोरिया के कोस्पी में भी देखी गईं। सेंसेक्स 80,427.81 पर खुला और 80,354.59 के इंट्राडे निचले स्तर पर पहुँच गया। निफ्टी 24,473.00 पर शुरू हुआ, जो 24,473 के इंट्राडे निचले स्तर पर पहुँचा।

बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाज़ार पूंजीकरण एक ही दिन में लगभग ₹7 लाख करोड़ घट गया, जो लगभग ₹442.5 लाख करोड़ तक गिर गया। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट देखी गई, जो 1.5% तक गिर गए। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव से स्थिति और जटिल हो गई है।

घरेलू वायदा बाज़ार में सोने की कीमतें 2% बढ़ीं, और अमेरिकी डॉलर 0.30% से अधिक बढ़ गया। अमेरिकी बांडों में वृद्धि देखी गई, जिससे बांड की पैदावार कम हुई। नेतन्याहू के बयानों से संकेत मिलता है कि इज़राइल-ईरान संघर्ष का संभावित बढ़ना निवेशकों की चिंताओं को बढ़ाता है।

यह जानकारी 13 जून के बाज़ार डेटा पर आधारित है। भू-राजनीतिक अस्थिरता का प्रभाव वैश्विक स्तर पर निवेशकों के लिए एक प्रमुख चिंता बनी हुई है।

स्रोतों

  • mint

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