2 जुलाई, 2025 को, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते को लेकर निवेशकों की चिंताओं के कारण भारत के शेयर बाजार में गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 दोनों में गिरावट देखी गई, जो वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के प्रभाव को दर्शाती है। यह खबर 2 जुलाई, 2025 की रॉयटर्स के अनुसार है।
सेंसेक्स 83,409.69 पर बंद हुआ, जो 287.60 अंक (0.34%) नीचे था, जबकि निफ्टी 50 25,453.40 पर समाप्त हुआ, जिसमें 88.40 अंक (0.35%) की कमी आई। राष्ट्रपति ट्रम्प के टैरिफ पर रुख ने निवेशकों की आशंका को बढ़ा दिया। सेक्टोरल प्रदर्शन मिलाजुला रहा, निफ्टी रियलिटी इंडेक्स में लगभग 2% की गिरावट आई।
इंडसइंड बैंक और एसबीआई कार्ड्स जैसे वित्तीय शेयरों में डाउनग्रेड के बाद गिरावट आई। निफ्टी मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में तेजी देखी गई। गिरावट के बावजूद, बीएसई पर 140 से अधिक शेयरों ने 52 सप्ताह के उच्च स्तर को छुआ। एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज ने ₹835 पर सूचीबद्ध होकर मजबूत शुरुआत की, जो 12.84% प्रीमियम है। संभ्व स्टील ट्यूब्स के शेयर 19.5% ऊपर बंद हुए।
दिन के कारोबार में सेक्टोरल अस्थिरता और निवेशकों की सावधानी देखी गई। बाजार की प्रतिक्रिया अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वार्ताओं के प्रति भारतीय शेयरों की संवेदनशीलता को रेखांकित करती है। यह स्थिति निवेशकों के लिए वैश्विक आर्थिक विकास की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य पर ध्यान दें, क्योंकि इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है।