चीन के विनिर्माण क्षेत्र में जुलाई 2025 में लगातार चौथे महीने गिरावट दर्ज की गई, जिससे वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ी है। आधिकारिक परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में 49.3 पर आ गया, जो जून के 49.7 से कम है और अप्रैल के बाद का सबसे निचला स्तर है। यह आंकड़ा 50 के मानक से नीचे है, जो संकुचन को दर्शाता है।
इस गिरावट के प्रमुख कारणों में कमजोर निर्यात मांग और घरेलू मांग में कमी शामिल हैं। निर्यात आदेशों में लगातार 15वें महीने गिरावट देखी गई, जबकि घरेलू मांग भी सुस्त बनी रही। इसके अतिरिक्त, उच्च तापमान और बाढ़ जैसी मौसमी चुनौतियों ने उत्पादन गतिविधियों को प्रभावित किया।
चीन की अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में 5.2% बढ़ी, जो उम्मीदों से अधिक है। हालांकि, आईएमएफ ने वर्ष के लिए विकास पूर्वानुमान को बढ़ाकर 4.8% कर दिया है, यह दर्शाता है कि आर्थिक चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
वैश्विक बाजारों ने इस गिरावट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, एशियाई शेयरों में गिरावट आई और तांबे की कीमतों में 19.4% की गिरावट देखी गई। अमेरिकी व्यापार तनावों और अन्य वैश्विक कारकों ने निवेशकों की भावना को प्रभावित किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन को अपनी अर्थव्यवस्था को संतुलित करने की आवश्यकता है, निर्यात पर निर्भरता कम करनी होगी और घरेलू मांग को बढ़ाना होगा। इसके लिए तकनीकी नवाचार और उच्च मूल्य वर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
आने वाले महीनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चीन की सरकार इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।