1 अगस्त, 2025 को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई देशों से आयातित वस्तुओं पर 10% से 41% तक के नए शुल्क लगाने का आदेश दिया। इस कदम से वैश्विक व्यापार संबंधों में अनिश्चितता बढ़ी, जिससे एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई।
नए शुल्कों के कारण, जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.4% गिरकर 40,914.66 पर, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.8% गिरकर 3,154.53 पर, और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.2% गिरकर 24,726.38 पर बंद हुआ।
भारत में, अमेरिकी शुल्कों के प्रभाव से रुपये में दबाव देखा गया। विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से निकासी की, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ी।
व्यवसायों के लिए, नए शुल्कों से आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान और उत्पादन लागत में वृद्धि हो सकती है। उपभोक्ताओं के लिए, आयातित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि संभव है, जिससे जीवन यापन की लागत बढ़ सकती है।
वैश्विक व्यापार संबंधों में अनिश्चितता के इस दौर में, व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए सतर्कता और रणनीतिक योजना आवश्यक है।