पेपाल ने अमेरिकी व्यापारियों के लिए 'पे विद क्रिप्टो' नामक एक नई सेवा शुरू की है, जो उन्हें 100 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान स्वीकार करने की अनुमति देती है। इस सेवा के माध्यम से, व्यापारी क्रिप्टो भुगतान को स्थिर मुद्रा या फिएट मुद्रा में तुरंत परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे सीमा पार लेनदेन सरल और तेज हो जाते हैं।
यह पहल व्यापारियों को क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते उपयोगकर्ता आधार तक पहुंचने का अवसर प्रदान करती है, जिससे उनके लिए नए राजस्व स्रोत खुल सकते हैं। पेपाल का उद्देश्य इस सेवा के माध्यम से वैश्विक व्यापारियों को क्रिप्टो भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाना है, जिससे वे अपने व्यवसायों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में बढ़ा सकें।
हालांकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, लेकिन इसे रखने, व्यापार करने और निवेश करने की अनुमति है। भारत सरकार ने क्रिप्टो परिसंपत्तियों के कराधान पर स्पष्ट रुख अपनाया है, जिसके तहत वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर 30% की दर से कर लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त, सभी लेनदेन पर 1% टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लागू होता है, जो खरीदार या विक्रेता से काटा जाता है।
पेपाल द्वारा 'पे विद क्रिप्टो' की शुरुआत से भारत में क्रिप्टो बाजार की गतिशीलता पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उद्यमियों और उपभोक्ताओं के लिए नए अवसर खुल सकते हैं, साथ ही बदलते नियमों के अनुकूल होने की चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं।
इसके अतिरिक्त, भारत में क्रिप्टो कंपनियों को एएमएल (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग) अनुपालन को प्राथमिकता देनी चाहिए और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी) के साथ पंजीकरण कराना चाहिए। प्लेटफ़ॉर्म को वास्तविक समय एएमएल स्क्रीनिंग के लिए उन्नत उपकरण रखने चाहिए और केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रक्रियाओं का संचालन करना चाहिए। क्रिप्टो फर्मों को जोखिम प्रबंधन के लिए स्वचालित उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।