गूगल पर सर्च विज्ञापन बाजार में अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करने के आरोपों पर यूके में 5 बिलियन पाउंड (6.6 बिलियन डॉलर) का क्लास एक्शन मुकदमा चल रहा है। यह मुकदमा मंगलवार को प्रतिस्पर्धा अपील न्यायाधिकरण में दायर किया गया था।
दावे में आरोप लगाया गया है कि गूगल ने प्रतिस्पर्धी सर्च इंजनों को प्रतिबंधित कर दिया, जिससे जनवरी 2011 से ऑनलाइन सर्च विज्ञापन के लिए यह एकमात्र व्यवहार्य विकल्प बन गया। यह मुकदमा 1 जनवरी, 2011 से लेकर मुकदमा दायर करने तक गूगल की सर्च विज्ञापन सेवाओं का उपयोग करने वाले सभी यूके-आधारित संगठनों की ओर से दायर किया जा रहा है।
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गूगल ने एंड्रॉइड डिवाइस पर गूगल सर्च और क्रोम को पहले से इंस्टॉल करके, सफारी पर डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन बनने के लिए ऐप्पल को भुगतान करके और अपने स्वयं के विज्ञापन उत्पादों का पक्ष लेकर प्रतिस्पर्धा को प्रतिबंधित किया है। गूगल इस मामले को "सट्टा" बताता है और इस पर विवाद करने की योजना बना रहा है। प्रतिस्पर्धा कानून विशेषज्ञ डॉ. ओर ब्रूक हजारों यूके व्यवसायों की ओर से इस दावे का नेतृत्व कर रहे हैं।
यूके के प्रतिस्पर्धा नियामक के 2020 के बाजार अध्ययन में पाया गया कि गूगल ने सर्च विज्ञापन बाजार में सभी राजस्व का 90% अर्जित किया। प्रतिस्पर्धा और बाजार प्राधिकरण (सीएमए) ने जनवरी 2025 में गूगल की सर्च सेवाओं की जांच शुरू की, जिसमें विज्ञापन बाजारों पर उनका प्रभाव भी शामिल है।