राष्ट्रपति ट्रंप के उद्घाटन कोष में लाखों डॉलर दान करने के बावजूद, एप्पल, अमेज़ॅन और मेटा जैसे तकनीकी दिग्गजों को संभावित टैरिफ वृद्धि और एंटीट्रस्ट कार्रवाई सहित बढ़ती नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है। इससे उनके बाजार मूल्य पर असर पड़ रहा है, जो सामूहिक रूप से गिर गया है।
खबर है कि मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एफटीसी के एंटीट्रस्ट मुकदमे में समझौता करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की है, जिसका उद्देश्य इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के मेटा के अधिग्रहण को रद्द करना है। अध्यक्ष एंड्रयू फर्ग्यूसन के तहत एफटीसी मामले को आगे बढ़ा रही है, जिसकी सुनवाई 14 अप्रैल, 2025 को होनी है। फर्ग्यूसन ने कहा है कि एजेंसी तैयार है और उसके पास मुकदमे के लिए आवश्यक संसाधन हैं।
एप्पल को चीन में उत्पादित आईफ़ोन पर संभावित टैरिफ वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें टैरिफ संभावित रूप से 100% से अधिक तक पहुंच सकता है। इससे एप्पल के स्टॉक मूल्य में भारी गिरावट आई है। न्याय विभाग के एंटीट्रस्ट डिवीजन के सहायक अटॉर्नी जनरल गेल स्लेटर ने 12 मार्च, 2025 को पुष्टि की कि प्रौद्योगिकी सहित उद्योगों को प्रभावित करने वाले एंटीट्रस्ट कानूनों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने प्रतिस्पर्धा के मुद्दों और अनुचित श्रम प्रथाओं को संबोधित करने के लिए गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किए हैं।
हालांकि तकनीकी कंपनियों ने उम्मीद की होगी कि उनके दान से नियामक दबाव कम होगा, लेकिन ट्रंप प्रशासन उद्योग पर सख्त रुख बनाए हुए दिख रहा है, जो इन फर्मों के लिए निरंतर जांच और संभावित चुनौतियों का संकेत देता है।