अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच हाल ही में हुए व्यापार समझौते के परिणामस्वरूप, सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई। समझौते के तहत, यूरोपीय संघ के अधिकांश सामानों पर 15% आयात शुल्क लगाया गया, जो पहले प्रस्तावित 30% से आधा था। इस समझौते ने दोनों पक्षों के बीच व्यापार युद्ध की आशंका को कम किया।
सोने की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर की मजबूती और जोखिमपूर्ण संपत्तियों की ओर निवेशकों की बढ़ती रुचि है। समझौते के बाद, निवेशकों ने जोखिमपूर्ण संपत्तियों में निवेश बढ़ाया, जिससे सोने की मांग में कमी आई।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस समझौते से वैश्विक व्यापार तनावों में कमी आई है, जो बाजारों के लिए सकारात्मक संकेत है। हालांकि, सोने की कीमतों में और गिरावट की संभावना बनी हुई है, क्योंकि निवेशक अब सुरक्षित निवेशों से अधिक जोखिमपूर्ण निवेशों की ओर रुख कर रहे हैं।
इस बीच, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक पर भी बाजार की नजरें हैं, जहां ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद की जा रही है।