हवार द्वीप पर स्थित मालो ग्राब्ल्जे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गांव है, जो अपनी समृद्ध विरासत और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
मालो ग्राब्ल्जे की स्थापना 14वीं शताब्दी में हुई थी, और यह गांव अपनी समृद्ध कृषि गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध था, जिसमें जैतून की खेती, अंगूर की बेलें, लैवेंडर और गुलाब शामिल थे। 20वीं शताब्दी के मध्य में, गांव के निवासी पास के मिल्ना गांव में बस गए, जिससे मालो ग्राब्ल्जे धीरे-धीरे निर्जन हो गया।
आज भी, मालो ग्राब्ल्जे अपनी ऐतिहासिक इमारतों, जैसे कि चर्च, स्कूल, सार्वजनिक कुआं और 1894 से संरक्षित जैतून मिल के लिए जाना जाता है। यह गांव एक खुले आकाश के संग्रहालय के रूप में कार्य करता है, जो आगंतुकों को डलमेटियन जीवन की झलक प्रदान करता है।
मालो ग्राब्ल्जे में एक पारंपरिक डलमेटियन रेस्तरां, 'स्टोरी कोमिन' स्थित है, जो स्थानीय व्यंजनों की पेशकश करता है। यह रेस्तरां गर्मी के महीनों में खुलता है और आगंतुकों को प्रामाणिक डलमेटियन भोजन का अनुभव प्रदान करता है।
मालो ग्राब्ल्जे तक पहुंचने के लिए, हवार शहर से मिल्ना गांव की ओर जाने वाली सड़क पर एक स्पष्ट संकेत है, जो गांव तक पहुंचने का मार्गदर्शन करता है। यह मार्ग पैदल, साइकिल या कार से तय किया जा सकता है, और आगंतुकों को गांव की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।
मालो ग्राब्ल्जे एक ऐसी जगह है जो इतिहास, संस्कृति और प्रकृति को जोड़ती है, जो आगंतुकों को हवार को एक अलग दृष्टिकोण से अनुभव करने का अवसर देती है।