आंतरिक संवाद, या स्वयं से की जाने वाली बातचीत, हमारे रिश्तों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह हमारे विचारों, भावनाओं और दूसरों के साथ बातचीत को प्रभावित करती है। सकारात्मक आंतरिक संवाद आत्मविश्वास और सहानुभूति को बढ़ावा देता है, जबकि नकारात्मक आंतरिक संवाद तनाव और चिंता को बढ़ा सकता है।
मनोविज्ञान में, आंतरिक संवाद को 'आत्म-चर्चा' के रूप में भी जाना जाता है, जो हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का एक तरीका है। यह हमारे सामाजिक संबंधों को समझने और सुधारने में मदद करता है।
आंतरिक संवाद हमारे सामाजिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसे सकारात्मक रूप से बदलकर हम अपने रिश्तों को मजबूत बना सकते हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। सकारात्मक आंतरिक संवाद से सामाजिक संबंधों में सुधार होता है और व्यक्ति अधिक खुश और संतुष्ट महसूस करता है।