सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर एल्गोरिदम और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बढ़ते उपयोग ने भाषा के उपयोग और संचार के तरीकों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं।
इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर एल्गोरिदम उपयोगकर्ताओं की प्राथमिकताओं के आधार पर सामग्री को क्यूरेट करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता अपनी रुचियों के अनुसार कंटेंट देख पाते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया "फ़िल्टर बबल" का निर्माण कर सकती है, जिसमें उपयोगकर्ता केवल उन विचारों और सूचनाओं के संपर्क में आते हैं जो उनकी मौजूदा मान्यताओं के अनुरूप होती हैं, जिससे विविध दृष्टिकोणों की कमी हो सकती है।
इसके अतिरिक्त, एआई-संचालित एल्गोरिदम के कारण सोशल मीडिया पर भड़काऊ और विवादास्पद सामग्री का प्रसार बढ़ सकता है, क्योंकि ये एल्गोरिदम ऐसे कंटेंट को प्राथमिकता देते हैं जो उपयोगकर्ताओं की भावनाओं को उत्तेजित करता है, जिससे प्लेटफ़ॉर्म पर अधिक समय बिताने की संभावना बढ़ती है।
इन चुनौतियों के मद्देनज़र, सोशल मीडिया कंपनियाँ एल्गोरिदम की पारदर्शिता बढ़ाने और उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। उदाहरण के लिए, मेटा ने अपने प्लेटफ़ॉर्म्स पर सामग्री अनुशंसा प्रणालियों के बारे में अधिक जानकारी प्रदान की है, ताकि उपयोगकर्ता समझ सकें कि उनके फ़ीड में कौन सी सामग्री क्यों दिखाई देती है।
इस प्रकार, एल्गोरिदम और एआई का सोशल मीडिया पर भाषा के उपयोग पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जिससे संचार के तरीके बदल रहे हैं और नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं।