भारतीय भविष्य कौशल संस्थान (IIFS) का उद्घाटन 31 मई, 2025 को कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय (KSOU) में राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा किया गया। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत इस पहल का उद्देश्य छात्रों को उभरती प्रौद्योगिकियों में उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रदान करना है, जो उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में करियर के लिए तैयार करते हैं।
राज्यपाल गहलोत ने भारत के युवाओं के लिए कौशल-आधारित प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया, और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वविद्यालयों को स्टार्टअप को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकारी निकायों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। राज्यपाल ने IIFS की स्थापना में KSOU, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, स्किल इंडिया और एथनोटेक समूह के संयुक्त प्रयासों की सराहना की।
डॉ. श्री निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने चौथी औद्योगिक क्रांति में कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर दिया, और कहा कि वर्तमान में केवल कुछ प्रतिशत आबादी के पास आवश्यक नौकरी कौशल हैं। उन्होंने कौशल विकास में वैश्विक दृष्टिकोण का भी आह्वान किया, तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों पर जोर दिया।