न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग में हालिया प्रगति रोबोटिक सिस्टम की ऊर्जा दक्षता में क्रांति ला रही है। यह मस्तिष्क-प्रेरित तकनीक रोबोट को जटिल कार्य करने की अनुमति देती है, जबकि बिजली की खपत को काफी कम करती है।
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने न्यूरोमॉर्फिक सिस्टम के साथ लोकेशनल एन्कोडिंग (LENS) विकसित किया। यह डायनेमिक विजन सेंसर और न्यूरोमॉर्फिक प्रोसेसर के साथ स्पाइकिंग न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करता है। LENS न्यूनतम ऊर्जा का उपयोग करते हुए, लंबी दूरी पर स्थानों को सटीक रूप से पहचान सकता है।
मिशिगन विश्वविद्यालय ने एक स्वायत्त नियंत्रक बनाया है जो बहुत कम बिजली का उपयोग करता है। इस नियंत्रक का विभिन्न रोबोटिक अनुप्रयोगों में परीक्षण किया गया है। ये विकास अधिक ऊर्जा-कुशल और तेज़ एआई सिस्टम की ओर एक बड़ी प्रवृत्ति का हिस्सा हैं।
न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग मानव मस्तिष्क की वास्तुकला का अनुकरण करता है। यह दृष्टिकोण एआई की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों का समाधान प्रदान करता है। रोबोट में इस तकनीक का एकीकरण उनकी क्षमताओं को बढ़ाता है और ऊर्जा की खपत को कम करके स्थिरता को संबोधित करता है।
जैसे-जैसे ये प्रौद्योगिकियां आगे बढ़ेंगी, वे अधिक कुशल और सक्षम स्वायत्त रोबोट विकसित करने में महत्वपूर्ण होंगी। इससे विभिन्न उद्योगों में अधिक टिकाऊ और प्रभावी रोबोटिक समाधान मिलेंगे।