क्लाइमेट-पॉजिटिव निर्माण की ओर: निप्पॉन पेंट इंडिया ने IGBC मुंबई 2025 में पेश किए अभिनव कोटिंग समाधान

द्वारा संपादित: Ek Soshnikova

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निप्पॉन पेंट इंडिया ने हाल ही में इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) मुंबई 2025 के मंच पर अपनी सतह इंजीनियरिंग के लिए एक नए और टिकाऊ समाधानों के संग्रह का अनावरण किया है। यह कदम भारत में जलवायु-सकारात्मक (क्लाइमेट-पॉजिटिव) निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य उन उन्नत तकनीकों को प्रदर्शित करना था जो इमारतों की ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने और IGBC तथा LEED जैसी प्रतिष्ठित हरित प्रमाणन प्रणालियों के मानकों को पूरा करने में सहायक सिद्ध हों।

इस प्रस्तुति का केंद्र बिंदु 'कूल टेक सॉल्यूशन' नामक एक विशेष उत्पाद रहा। यह एक उन्नत ताप-परावर्तक कोटिंग है, जिसकी क्षमता छतों के तापमान को उल्लेखनीय रूप से 22°C तक कम करने की है। यह विशेषता सीधे तौर पर इमारतों की ऊर्जा खपत में कटौती करती है। चूंकि यह कोटिंग सूर्य की गर्मी को प्रभावी ढंग से वापस अंतरिक्ष में परावर्तित करती है, इसलिए इमारत के आंतरिक भाग में स्वाभाविक रूप से शीतलता बनी रहती है। परिणामस्वरूप, एयर कंडीशनिंग (AC) प्रणालियों पर निर्भरता कम होती है, जिससे न केवल ऊर्जा की बचत होती है बल्कि निवासियों के लिए एक अधिक आरामदायक वातावरण भी सुनिश्चित होता है।

ऊर्जा दक्षता के अलावा, निप्पॉन पेंट ने आर्किटेक्चरल फिल्म समाधानों की अपनी श्रृंखला, 'एन-शील्ड प्रोटेक्टिव फिल्म्स' पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया। यद्यपि N-Shield फिल्मों का उपयोग पहले ऑटोमोटिव क्षेत्र में छोटी-मोटी खरोंचों से सतहों को स्वयं-मरम्मत (सेल्फ-हीलिंग) प्रदान करने और जल-विकर्षक (हाइड्रोफोबिक) गुण देने के लिए किया जाता रहा है, अब इनका वास्तुशिल्प अनुप्रयोग एक नया आयाम प्रदान करता है।

वास्तुशिल्प संदर्भ में, इन फिल्मों को सतहों के लिए एक दीर्घकालिक सुरक्षा कवच के रूप में प्रस्तुत किया गया है। ये फिल्में इमारतों की बाहरी संरचनाओं को पर्यावरणीय क्षरण से बचाती हैं। इसका एक बड़ा लाभ यह है कि ये भविष्य में होने वाले नवीनीकरण या मरम्मत कार्यों को सरल बनाती हैं, जिससे संरचनाओं का जीवनकाल स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है। यह टिकाऊपन की दिशा में एक दूरदर्शी दृष्टिकोण है, जो निर्माण उद्योग के लिए एक नया मानक स्थापित करता है।

ये दोनों तकनीकी नवाचार—तापमान नियंत्रण और सतह संरक्षण—मिलकर भारतीय शहरों के शहरी परिदृश्य को अधिक रहने योग्य बनाने में योगदान देंगे। जिस प्रकार भारत में ग्रीष्मकाल की तीव्रता बढ़ती जा रही है, ऐसे समाधान अत्यंत आवश्यक हो जाते हैं जो कठोर जलवायु परिस्थितियों के बावजूद भी शहरी आवासों में रहने वालों के लिए सुखद और नियंत्रित आंतरिक वातावरण बनाए रख सकें। यह निप्पॉन पेंट का प्रयास है कि वे केवल रंग ही नहीं, बल्कि भविष्य की इमारतों के लिए स्थिरता और आराम का वादा भी प्रदान करें।

संक्षेप में, IGBC मुंबई 2025 में निप्पॉन पेंट इंडिया की भागीदारी ने स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी हरित निर्माण के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। कूल टेक और एन-शील्ड जैसी प्रौद्योगिकियां न केवल ऊर्जा के बोझ को कम करती हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि हमारे भवन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मजबूत और पर्यावरण के अनुकूल बने रहें। यह भारतीय निर्माण क्षेत्र के लिए एक उज्जवल और हरित भविष्य की नींव रखने जैसा है।

स्रोतों

  • Asian News International (ANI)

  • ANI News

  • ThePrint

  • SMEStreet

  • Premier Supporters - Green Building Congress

  • World Business Outlook

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